हेल्लो दोस्तों मेरा
नाम है हरविंदर सिंह आज मै बात करुगा ऐसे technology fact के बारे में
जो आप ने पहले कभी नहीं सुना होगी तो चलिए शरू करते हैअक्सर आप लोग डाटा कहा स्टोर
करते है Pendrive, Harddisk, Cd Disk और तरह- तरह की चीजो
में लेकिन कई लोग आज भी डाटा स्टोर करने के लिए Floppy Disk का
प्रयोग करते है लेकिन आज technology इतनी आगे बढ़ चुकी है की DNA
में डाटा स्टोर करना पोसिबल हो चुका है जी हां आप ने सही पढ़ा DNA
में डाटा स्टोर करना सम्भव हो चुका है आप को पता होगा की इन्शान के
शरीर के अन्दर DNA ( Deoxyribonucleic-Acid )होता जो बहुत ही
शुच्म होता है जिसमें बहुत सारा डेटा स्टोर होता है जैसे आपका कान कैसा होगा आपके
बाल कैसे होगे आदि ये डेटा आपको आपके माता पिता से मिलता है अगर आप के माता-पिता
की height छोटी है तो जाहिर सी बात है की आप की height
कुछ हद तक कम ही होगी क्यों की उनके genetic code में वो डाटा है अर्थात Information है लेकिन जो
डिजिटल डेटा होता है वो हम जानते है की 0,1 की फॉर्म में
होता है तो क्यों न कुछ ऐसी technology डेवलप की जाये की इन
बाइनरी code को genetic code में बदल
कर DNA में स्टोर कर दिया जाय ऐसा हो सकता है बल्कि हो चुका
है अगर ये चीज आगे और इन्वोल्व हुई तो एक चीनी के दाने के बराबर DNA मै दुनिया में अब तक जितनी फिल्मे लंच हुई है वो सारी फिल्मे इस में स्टोर
हो सकती है तो जार सोचो अगर DNA से एक pendrive जितना बड़ा storage डिवाइस बन जाये तो उस में कितना
डाटा स्टोर हो सकता है अगर उतना बड़ा DNA वाला storage डिवाइस बना तो google की company का सारा डाटा उस में स्टोर हो सकता है
लेकिन जब किसी चीज की सुरुवात होती है तो वो छोटे से ही होती हैआप जानते है जब
इंजन का अविष्कार हुआ था तब इंजन भाप से चलते थे और बहोत कम पॉवर के होते लेकिन
जैसे -जैसे technology आगे बढती गई वैसे - वैसे इन में change's
होते गए और आज आप देख सकते कितने तरह के इंजन आ गए है हलाकि
की ये अलग technology पर काम करते है लेकिन
जिस DNA storage की मै बात कर रहा हु उस पर एक सफल प्रयोग भी
किया गए है जिस में एक फ़िल्म थी उसमे में
एक horse riding का
सीन था उस में जो हीरो था वो horse riding कर रहा था
उसके कुछ फ्रेम को लिया गया और उस को बैक्टीरिया के जीनोम में code कर दिया गया मतलब जो
genetic code होते है वो अलग फॉर्म (azg) पर कम करते है और जो हमारी डिजिटल डेटा ट्रांसमिशन होती है वो 0,1 पर कम करती है तो इन 0 और 1 को
बदल कर azg के फॉर्म
में किया गया फिर उस विडियो फ्रेम को
बैक्टीरिया के जीनोम में code(स्टोर) किया गया क्यु की आप को पता है की बाइनरी की कॉम्बिनेशन
से डाटा बनता है और ऐसे ही genetic में azg के कॉम्बिनेशन से
डेटा बनता है और कोई भी इनफार्मेशन या
डेटा DNA में स्टोर होता है यहाँ डाटा और इनफार्मेशन मतलब आप
के बाल कैसे होगे ,आप कान कैसे होगे आदि जो आप के genetic
code में स्टोर होती है अर्थात genetic code (DNA) में ऐसी capability है की उस में डाटा store हो सके
वो डेटा किसी भी प्रकार का हो सकता है डिजिटल डेटा भी हो सकता है आभी तो केवल
विडियो के कुछ ही फ्रेम DNA में स्टोर किये गए वो प्ले भी हो
रहे थे और उन को बाद में recover भी किया गया अर्थात उस में
डाटा होल्डिंग की कैपेसिटी है इस में तो
अभी विडियो के कुछ फ्रेम स्टोर किये गए पर आने वाले समय इस से कोई बड़ा storage
डिवाइस बना तो सोचो क्या-क्या हो सकता है ये तो अभी शुरुवात है आगे
आगे देखो होता है क्या
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